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नई दिल्ली: दिल्ली में इस बार सर्दी ने नया रिकॉर्ड बनाया है। रात के तापमान के हिसाब से पिछले 9 सालों में ये सबसे कम सर्दी रही। साथ ही, सात सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि इस सीजन में न तो 'कोल्ड डे' रहा और न ही 'कोल्ड वेव'। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, ला नीना का न होना और दूसरा, लगातार आते पश्चिमी विक्षोभ।9 साल बाद सबसे कम सर्दी
दिल्ली में पीक विंटर यानि सबसे ज्यादा ठंड का समय 27 दिसंबर से 20 जनवरी तक माना जाता है। इस दौरान सामान्य तापमान सबसे कम रहता है। या तो अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है या न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम। लेकिन इस बार, इस पीक पीरियड में औसत न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा है। ये 2015-16 के बाद सबसे ज्यादा है। इस सीजन का सबसे कम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस (12 और 16 दिसंबर को) रहा, जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान है।
दिन में हुआ ठंड का अहसास
हालांकि रातें गर्म रहीं, लेकिन दिन के तापमान सामान्य से कम होने की वजह से दिल्ली वालों को ठंड का एहसास हुआ। पीक विंटर के दौरान औसत अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है। इसकी मुख्य वजह कई दिनों तक बादल छाए रहना या कोहरा रहना था। लेकिन 19 जनवरी को मौसम में अचानक बदलाव आया और अधिकतम तापमान एक ही दिन में 5.5 डिग्री बढ़कर 25 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। इसके बाद से तापमान हाई बना हुआ है, जिससे कई लोगों को लग रहा है कि सर्दी जल्दी खत्म हो जाएगी। मौसम विभाग का कहना है कि अभी ऐसा मान लेना जल्दबाजी होगी।
अभी बदल सकता है दिल्ली का मौसम
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया, '19 जनवरी के आसपास दिन के तापमान में अचानक वृद्धि हवा की दिशा बदलकर दक्षिण-पश्चिम होने की वजह से हुई। यह हवा उत्तरी मैदानों को गर्म करती है। हालांकि, 22-23 जनवरी को बारिश के बाद हवा की दिशा उत्तरी होने की संभावना है, जो ठंडी होती है। इसका असर 24 जनवरी से तापमान पर दिखाई देना चाहिए।
9 साल बाद सबसे कम सर्दी
दिल्ली में पीक विंटर यानि सबसे ज्यादा ठंड का समय 27 दिसंबर से 20 जनवरी तक माना जाता है। इस दौरान सामान्य तापमान सबसे कम रहता है। या तो अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है या न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम। लेकिन इस बार, इस पीक पीरियड में औसत न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा है। ये 2015-16 के बाद सबसे ज्यादा है। इस सीजन का सबसे कम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस (12 और 16 दिसंबर को) रहा, जो पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान है।दिन में हुआ ठंड का अहसास
हालांकि रातें गर्म रहीं, लेकिन दिन के तापमान सामान्य से कम होने की वजह से दिल्ली वालों को ठंड का एहसास हुआ। पीक विंटर के दौरान औसत अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है। इसकी मुख्य वजह कई दिनों तक बादल छाए रहना या कोहरा रहना था। लेकिन 19 जनवरी को मौसम में अचानक बदलाव आया और अधिकतम तापमान एक ही दिन में 5.5 डिग्री बढ़कर 25 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। इसके बाद से तापमान हाई बना हुआ है, जिससे कई लोगों को लग रहा है कि सर्दी जल्दी खत्म हो जाएगी। मौसम विभाग का कहना है कि अभी ऐसा मान लेना जल्दबाजी होगी।अभी बदल सकता है दिल्ली का मौसम
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया, '19 जनवरी के आसपास दिन के तापमान में अचानक वृद्धि हवा की दिशा बदलकर दक्षिण-पश्चिम होने की वजह से हुई। यह हवा उत्तरी मैदानों को गर्म करती है। हालांकि, 22-23 जनवरी को बारिश के बाद हवा की दिशा उत्तरी होने की संभावना है, जो ठंडी होती है। इसका असर 24 जनवरी से तापमान पर दिखाई देना चाहिए।आखिर क्यों नहीं पड़ी ठंड?
महापात्र ने बताया कि दो मुख्य कारकों ने अब तक सर्दी को हल्का रखा है। एक, ला नीना का न होना, जिसके दिसंबर के आसपास आने का अनुमान था, लेकिन अभी तक नहीं आया है। ला नीना आमतौर पर उत्तर भारत में सर्दी को बढ़ा देता है। दूसरा कारक पश्चिमी विक्षोभ (WDs) हैं जो इस क्षेत्र में लगातार आए हैं, जिससे हवा की दिशा में बार-बार बदलाव हुआ है। महापात्र ने आगे कहा कि IMD ने जनवरी में उत्तर भारत में सामान्य से अधिक तापमान की भविष्यवाणी की थी।
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